Friday, February 08, 2008

क्यों !!


क्यों ?
इस कदर उदासी
आँखें हैं मेरी प्यासी
तुम पास आकर
प्रीतम
आज कुछ कहो न

तन्हाई की यह रातें
और
फिर तुम्हारी बातें
हँस कर जो की थीं तुमने
वो
आज फिर करो न

यूँ तो
हमें है छोड़ा
ज़माने में हर किसी ने
तुम
छोड़ कर ज़माना
मेरे साथ ही चलो न
आज कुछ कहो न

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