एक खुश्बू सी
हवा में तैर जाती है
ज़िन्दगी जब
पास आकर बैठ जाती है
सरल होता है
सफ़र में साथ चलना
मगर मुश्किल है
किसी सम्बन्ध से जुड़ना
कोई अपनी सी छुअन
जब बाँध जाती है
उजालों की
एक दुनिया गुनगुनाती है
जानते हैं सभी
दर्दों से गुज़रना
उमर को ढोकर
अंधेरों में उतरना
एक पल भी
पलक
यदि आकाश पाती है
नज़र जैसे
चांदनी में नहा जाती है
खिड़कियाँ !!
5 years ago
No comments:
Post a Comment